तारीख और शुभ मुहूर्त | Date & Auspicious Timing
रक्षाबंधन 2025 में शनिवार, 9 अगस्त को मनाया जाएगा। यह पर्व श्रावण मास की पूर्णिमा को आता है, जो हिंदू पंचांग में अत्यंत पवित्र माना जाता है। इस वर्ष का रक्षाबंधन 2025 विशेष रूप से शुभ है क्योंकि इसमें सौभाग्य योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, और श्रवण नक्षत्र एक साथ पड़ रहे हैं—जो लगभग 95 वर्षों में पहली बार हुआ है।
- राखी बांधने का शुभ समय:
- सुबह 5:47 बजे से दोपहर 1:24 बजे तक।
- इस समय के भीतर राखी बांधना अत्यंत फलदायक माना जाता है।

रक्षाबंधन 2025
रक्षाबंधन का अर्थ और महत्व | Meaning & Significance
‘रक्षाबंधन’ शब्द दो भागों से बना है—‘रक्षा’ यानी सुरक्षा और ‘बंधन’ यानी बंधन। यह पर्व भाई-बहन के प्रेम, विश्वास और सुरक्षा के वादे का प्रतीक है।
A single thread weaves a thousand memories—Raksha Bandhan is the quiet poetry of childhood laughter, shared secrets, and the promise to stand by each other, always. Sisters pray silently for their brother’s well-being, while brothers make an unspoken vow to stand by their sisters through every storm. It’s a festival that brings out the hidden emotions—affection, trust, and the promise of lifelong companionship—that often go unexpressed in daily life.
पौराणिक कथाएं | Mythological Legends
- द्रौपदी और कृष्ण: जब कृष्ण की उंगली कट गई थी, द्रौपदी ने अपनी साड़ी का टुकड़ा फाड़कर बांधा। कृष्ण ने उसे जीवनभर रक्षा का वचन दिया।
- रानी कर्णावती और हुमायूं: रानी ने मुग़ल सम्राट को राखी भेजी, और हुमायूं ने उसे अपनी बहन मानकर उसकी india रक्षा की।
- लक्ष्मी और राजा बलि: लक्ष्मी ने बलि को राखी बांधी ताकि विष्णु को वापस स्वर्ग ले जा सकें। बलि ने उसे बहन मानकर इच्छा पूरी की।
- These stories reflect the essence of रक्षाबंधन 2025—protection, love, and duty.
भारत में विविधता से भरा उत्सव | Regional Celebrations Across India
- राजस्थान: महिलाएं राजा या उसके प्रतीक को राखी बांधती हैं, पूरे समुदाय की रक्षा का प्रतीक।
- महाराष्ट्र: नारली पूर्णिमा के साथ समुद्र देवता को नारियल अर्पित करते हैं।
- गुजरात: पवित्रोपण और रक्षाबंधन 2025 साथ मनाया जाता है, शिव पूजा के साथ।
- पंजाब: खेतों और मेलों में राखी बांधने की परंपरा।
- बिहार और झारखंड: भाई-बहन दोनों एक-दूसरे की रक्षा के लिए पूजा करते हैं।
- पश्चिम बंगाल और ओडिशा: झूला पूर्णिमा के साथ राधा-कृष्ण की पूजा होती है।
Each region adds its own flavor, making Raksha Bandhan a truly pan-Indian celebration.
2025 का रक्षाबंधन क्यों है विशेष? |Why रक्षाबंधन 2025 Is the Most Powerful Rakhi of Our Lifetime

रक्षाबंधन 2025
This year’s Raksha Bandhan is astrologically powerful. The rare alignment of Saubhagya Yog, Sarvartha Siddhi Yog, and Shravan Nakshatra makes it the most auspicious Rakhi in nearly a century.
- सौभाग्य योग: समृद्धि और सौभाग्य लाता है सर्वार्थ सिद्धि योग:
- सभी शुभ कार्यों की सफलता सुनिश्चित करता है
- श्रवण नक्षत्र: आध्यात्मिक ऊर्जा और रिश्तों को मजबूत करता है
रक्षाबंधन 2025 कब मनाया जाएगा?
- रक्षाबंधन 2025 शनिवार, 9 अगस्त को मनाया जाएगा। यह दिन श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि को आता है।
इस वर्ष राखी बांधने का शुभ मुहूर्त क्या है?
- राखी बांधने का शुभ समय सुबह 5:47 बजे से दोपहर 1:24 बजे तक रहेगा। इस दौरान भद्रा काल नहीं रहेगा, जिससे यह समय अत्यंत शुभ माना गया है।
क्या 2025 में कोई विशेष ज्योतिषीय संयोग बन रहा है?
- हाँ, इस वर्ष सौभाग्य योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, और श्रवण नक्षत्र एक साथ पड़ रहे हैं। यह संयोग लगभग 95 वर्षों बाद बन रहा है, जो इस पर्व को अत्यंत शुभ और ऐतिहासिक बनाता है।
क्या भद्रा काल का प्रभाव रहेगा?
- नहीं। भद्रा काल 8 अगस्त की रात 1:52 बजे समाप्त हो जाएगा, जिससे 9 अगस्त को पूरे दिन राखी बांधना शुभ रहेगा।
क्या रक्षाबंधन केवल भाई-बहन के लिए होता है?
- परंपरागत रूप से यह भाई-बहन के प्रेम का पर्व है, लेकिन आजकल लोग इसे दोस्तों, पड़ोसियों, और सैनिकों को राखी बांधकर भी मनाते हैं। यह सामाजिक एकता और विश्वास का प्रतीक बन चुका है।
क्या इस दिन कोई विशेष पूजा या व्रत होता है?
- बहनें भाई की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए पूजा करती हैं। कुछ लोग भगवान विष्णु, माँ लक्ष्मी, और शिव जी की पूजा भी करते हैं। व्रत रखना वैकल्पिक है।
क्या रक्षाबंधन पर सार्वजनिक अवकाश रहता है?
कई राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात और हरियाणा में इस दिन सार्वजनिक अवकाश रहता है। हालांकि, यह पूरे भारत में उत्साहपूर्वक मनाया जाता है।
समापन विचार | Final Thoughts

- रक्षाबंधन सिर्फ एक धागा नहीं, बल्कि एक भावना है। यह पर्व हमें परिवार, परंपरा और प्रेम की गहराई से जोड़ता है। 2025 का रक्षाबंधन एक दुर्लभ ज्योतिषीय अवसर है, जो इसे और भी पवित्र और शक्तिशाली बनाता है।
- रक्षाबंधन 2025 is not just a festival—it’s a cosmic celebration of love, duty, and divine timing. Whether you’re tying a rakhi in person or sending it virtually, let this day be a reminder of the sacred bond that transcends time.
- लगभग 100 वर्षों बाद, सौभाग्य योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और श्रवण नक्षत्र एक साथ इस पावन दिन पर उपस्थित रहेंगे। ऐसा माना जाता है कि इन योगों के प्रभाव से राखी का बंधन और भी शुभ हो जाता है—भाई-बहन के रिश्ते में समृद्धि, भावनात्मक जुड़ाव और आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार होता है। यह वह क्षण है जब परंपरा और भाग्य एक साथ आते हैं
- After almost 100 years, Saubhagya Yoga, Sarvartha Siddhi Yoga and Shravan Nakshatra will be present together on this auspicious day. It is believed that the effect of these yogas makes the bond of Rakhi even more auspicious- bringing prosperity, cultural studios and spiritual energy in the circle of brother and sister. This is the moment when tradition and destiny come together.



