छठ पूजा 2025: आस्था, शुद्धता और सूर्य उपासना का महापर्व  

छठ पूजा 2025 सूर्य देव और छठी मइया की आराधना का महान पर्व है। यह पर्व आस्था, अनुशासन और पवित्रता का प्रतीक माना जाता है।

by Bharat Kumar

Oct 21, 2025

कब मनाई जाएगी छठ पूजा 2025

26 अक्टूबर से 29 अक्टूबर 2025 तक चार दिनों तक चलने वाला यह पर्व कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को संपन्न होता है।

छठ पूजा का धार्मिक महत्व

यह त्योहार सूर्य देव को धन्यवाद देने और परिवार की समृद्धि की कामना का प्रतीक है। छठी मइया को सूर्य देव की बहन माना जाता है।

पहले दिन – नहाय खाय

व्रती शुद्ध स्नान करते हैं और सात्विक भोजन ग्रहण करते हैंछठ पूजा का पहला दिन ‘नहाय-खाय’ कहलाता है।।

दूसरा दिन – खरना (लोहंडा)

दूसरे दिन व्रती पूरे दिन निर्जला व्रत रखते हैं और शाम को प्रसाद बनाते हैं। खरना का प्रसाद — गुड़-की-खीर और रोटी — परिवार और पड़ोसियों में बाँटा जाता है।

तीसरा दिन – संध्या अर्घ्य (अस्ताचलगामी सूर्य को अर्पण)

तीसरे दिन व्रती नदी या तालाब के किनारे सूर्यास्त के समय अर्घ्य देते हैं। महिलाएं सूप में ठेकुआ, फल, नारियल और दीप जलाकर सूर्य देव को अर्पित करती हैं।

चौथा दिन – प्रातः अर्घ्य (उदयमान सूर्य को अर्पण)

आखिरी दिन व्रती सुबह-सुबह उदय होते सूर्य को जल अर्पित करते हैं। यह पूजा परिवार की सुख-समृद्धि और संतान के कल्याण के लिए की जाती है।

छठ पूजा की तैयारियां और सजावट

घरों, घाटों और सड़कों पर साफ-सफाई होती है। लोग दीपों, फूलों और रंगोलियों से पूजा स्थल सजाते हैं।

देश और विदेश में छठ पूजा का उत्सव

बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और मुंबई में यह पर्व विशेष रूप से मनाया जाता है। विदेशों में बसे भारतीय समुदाय भी इसे उतनी ही श्रद्धा से मनाते हैं।

छठ पूजा 2025 – भक्ति और अनुशासन का संदेश

छठ पूजा हमें सिखाती है कि सच्ची भक्ति आत्म-संयम और पवित्रता में निहित है। सूर्य देव और छठी मइया का आशीर्वाद सबको मिले।